वित्त राज्य मंत्री ने लोकसभा में बताया, 2000 रुपये के नोट बंद करने का कोई प्रस्ताव नहीं

केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि सरकार ने 2000 रुपये के नोटों को प्रचलन से वापस लेने का कोई निर्णय नहीं लिया है और राज्य के स्वामित्व वाली एसबीआई और इंडियन बैंक 500 और 200 रुपये के नोट के लिए एटीएम को फिर से तैयार कर रहे हैं। वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। 


वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि सरकार का 2000 रुपये के बैंक नोट को प्रचलन से वापस लेने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिकतर 500 रुपये और 200 रुपये मूल्य वर्ग के बैंक नोट प्रचलन में हैं। इसको ध्यान में रखते हुए भारतीय स्टेट बैंक ने अपने स्थानीय मुख्यालयों को उक्त मूल्य वर्ग के करेंसी नोटों के अनुसार स्वचालित टेलर मशीनों (एटीएम) को पुन: नया स्वरूप देने के लिए सूचना जारी की है। वहीं, अभी भी कई एटीएम में 2000 रुपये के करेंसी नोट वितरित हो रहे हैं।

मंत्री एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या सरकार ने 2000 रुपये के नए नोटों की छपाई बंद कर दी है और क्या सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने एटीएम के माध्यम से 2000 रुपये के नोटों का प्रचलन बंद करने के लिए कोई परिपत्र जारी किया है।

जवाब में ठाकुर ने कहा कि 500 रुपये और 200 रुपये के करेंसी नोटों के उच्च प्रचलन के मद्देनजर और 2000 रुपये के नोटों के विनिमय में ग्राहकों को होने वाली असुविधा के कारण, सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों भारतीय स्टेट बैंक और इंडियन बैंक ने निर्देश जारी कर एटीएम को 500 और 200 रुपये के नोटों को प्रचालन करने के लिए तैयार करने को कहा है।

उन्होंने कहा कि जनता की मांग को सुविधाजनक बनाने के लिए वांछित मूल्यवर्ग मिश्रण को बनाए रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के परामर्श से सरकार द्वारा विशेष मूल्यवर्ग के नोटों की छपाई का निर्णय लिया गया है। 

ठाकुर ने कहा कि अब तक 7.40 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 2000 के नोटों की छपाई और आपूर्ति की जा चुकी है।